देशभर के श्रमिक वर्ग के बच्चों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। अब जिन छात्रों के माता-पिता के पास वैध श्रमिक कार्ड (Labour Card) या लेबर वेलफेयर बोर्ड की सदस्यता है, उन्हें उच्च शिक्षा के लिए ₹25,000 तक की छात्रवृत्ति दी जाएगी। यह योजना खासकर उन विद्यार्थियों के लिए है जिन्होंने हाल ही में 10वीं या 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की है और कॉलेज या व्यावसायिक शिक्षा में प्रवेश लेना चाहते हैं।
BOCW बोर्ड के तहत संचालित होगी यह छात्रवृत्ति योजना
यह छात्रवृत्ति योजना “निर्माण श्रमिक कल्याण मंडल (BOCW Board)” द्वारा लागू की जा रही है। यह योजना श्रम विभाग के अधीन चलती है और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा का अवसर देने के उद्देश्य से बनाई गई है। सरकार का लक्ष्य है कि आर्थिक कारणों से कोई भी श्रमिक परिवार का बच्चा अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़े।
शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार का उद्देश्य
सरकार का कहना है कि श्रमिक वर्ग के बच्चों को अक्सर आर्थिक संकट के कारण अपनी शिक्षा अधूरी छोड़नी पड़ती है। इस छात्रवृत्ति से अब वे किताबों, हॉस्टल फीस, कोचिंग शुल्क और अन्य शैक्षणिक खर्चों को आसानी से पूरा कर सकेंगे। इस पहल से न केवल बच्चों की पढ़ाई जारी रहेगी बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक मजबूत आर्थिक सहारा भी मिलेगा।
पात्र छात्र कौन होंगे
इस योजना का लाभ केवल उन छात्रों को मिलेगा जिनके माता-पिता लेबर वेलफेयर बोर्ड में पंजीकृत श्रमिक हैं। छात्र की पढ़ाई मान्यता प्राप्त स्कूल या कॉलेज से होनी चाहिए और पिछली परीक्षा में कम से कम 50% अंक अनिवार्य हैं। इसके अलावा छात्र की उपस्थिति 75% से अधिक होनी चाहिए और उसकी आयु 5 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
कोर्स के अनुसार मिलेगी ₹25,000 तक की सहायता
सरकार ने इस छात्रवृत्ति की राशि को अलग-अलग कक्षाओं और कोर्स के आधार पर निर्धारित किया है। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर स्नातक, स्नातकोत्तर और व्यावसायिक कोर्स तक के छात्रों को सहायता दी जाएगी। अधिकतम राशि ₹25,000 तय की गई है। कुछ राज्यों में बालिकाओं को अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है ताकि उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा सके।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन की सुविधा
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह सरल बना दिया गया है। इच्छुक छात्र अपने राज्य के श्रम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, जिनके पास इंटरनेट सुविधा नहीं है, वे लेबर ऑफिस के माध्यम से ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
आवेदन के समय जरूरी दस्तावेज
इस योजना का लाभ पाने के लिए छात्रों को आवेदन के साथ कुछ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, जिनमें लेबर कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो, पिछली परीक्षा की मार्कशीट, बोनाफाइड सर्टिफिकेट और आवश्यक होने पर आय प्रमाण पत्र शामिल हैं। सभी दस्तावेजों के सत्यापन के बाद छात्रवृत्ति की राशि सीधे छात्र के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से संचालित है योजना
यह छात्रवृत्ति योजना देश के लगभग सभी राज्यों में अलग-अलग नामों से लागू है।
बिहार में इसे “निर्माण श्रमिक शिक्षा सहायता योजना” कहा जाता है।
उत्तर प्रदेश में “निर्माण श्रमिक छात्रवृत्ति योजना” के नाम से जानी जाती है।
राजस्थान में इसे “श्रमिक पुत्र-पुत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना” कहा गया है।
मध्यप्रदेश में इसका नाम “श्रमिक शिक्षा अनुदान योजना” है।
इसके अलावा महाराष्ट्र, झारखंड, पंजाब, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और गुजरात जैसे राज्यों में भी यह योजना सक्रिय रूप से संचालित की जा रही है।
राज्यवार आधिकारिक वेबसाइटों से करें आवेदन
जो भी छात्र इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे अपने राज्य के लेबर वेलफेयर पोर्टल पर जाकर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आवेदन की स्थिति देख सकते हैं।
बिहार: bocwbihar.in
उत्तर प्रदेश: bocw-up-labour.gov.in
राजस्थान: labour.rajasthan.gov.in
मध्यप्रदेश: shramiksewa.mp.gov.in
निष्कर्ष
श्रमिक छात्रवृत्ति योजना 2025 न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है बल्कि यह श्रमिक वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा के सपनों से जोड़ने का एक माध्यम भी है। इस पहल से गरीब और असंगठित क्षेत्र के परिवारों को अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने का अवसर मिलेगा और देश की नई पीढ़ी अधिक शिक्षित और आत्मनिर्भर बनेगी।
